उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में खीरगंगा नदी में उफान से तबाही , सैन्य शिविर भी चपेट में आया
(ब्यूरो रिपोर्ट)। उत्तरकाशी (उत्तराखंड), उत्तरकाशी भारी बारिश से खीरगंगा नदी रौद्र रूप धारण कर लिया और कस्बा धराली को तबाह कर दिया। जिसमें गंगौत्री हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया व सैन्य शिविर भी चपेट मे आने से नौ जवानों के बह जाने व बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। उत्तरकाशी को आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिला माना जाता है। जहां पर कभी भूकंप व भूस्खलन तो कभी बाढ़ के संकट झेलना पड़ता रहा है। जिसमें अनेक बार मकान,होटल व व मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है। जान-माल की इतनी बड़ी हानि के यह क्षेत्र दौबारा उबर पाना एक बड़ी चुनौती से कम नही है। कस्बा धराली में मंगलवार को खीरगंगा नदी उफान पर आने से तहस-नहस होकर मलबे में तब्दील हो गया है। खीरगंगा नदी के रौद्र रूप को देखकर लोगों ने बाजार में मौजूद रहे लोगों को सावधान करने का प्रयास किया लेकिन पहाड़ी से मलबे का सैलाब इतनी जल्दी नीचे तक पहुंच गया कि लोगों को संभालने का मौका ही नही मिल सका और चंद सैकड़ों में धराली बर्बाद हो गया। चारों -ओर चीख-पुकार है। पहाड़ी की चोटी से भागीरथी तट पर बसे कस्बे में पहुंचने में सैलाब को 30-40 सैंकंड ही लगे होंगे। जिसमें छोटी-बडी इमारतें, विशालकाय वृक्ष और गुलजार रहने वाला बाजार मलबे में तब्दील हो गया। आपदा की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने लोनिवि के अधिकारियों, बीआरओ को आपदा से संबंधित निर्देश दिए। देहरादून, गंगौत्री से एसडीआर एफ के 75 और आईटीबीपी के 30 जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया। युकांडा के दो हेलीकॉप्टर राहत व बचाव कार्य में लगायें गये। प्रधानमंत्री को घटना की जानकारी दी गई , केन्द्र सरकार के द्वारा भी दो एम आई 17,एक चिनूक हेलीकॉप्टर व रेस्क्यू टीम मौके पर रवाना की गयी। टीम ने मौके पर पहुंचते ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है मलबे में दबे लोगों को निकालकर कई लोगों की जान बचाई है। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भेजा जा रहा है जहां उनका उपचार चल रहा है। और मौसम सामान्य होने पर गृह मंत्रालय द्वारा अन्य मद्द भेजी जायेगी। खीरगंगा नदी के उफान से मची तबाही में गंगौत्री हाईवे का काफी हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया व क्षतिग्रस्त हो कर नदी में सरक गया है। हाईवे पर वाहन भी मलबे में दबे है। जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है, यहां बहनें वाले गेंदरे के उफान हैलीपेड के पास भी मलबा आने से हेलीपैड भी बंद हो गया है।
